"PrasarBharati Secretariat had circulated
Circular No. 03/04/2019-LC dated 5.9.2019 enclosing therewith a “
Scheme dated 22nd August, 2019 for regularisation of irregular appointments/engagements in PrasarBharati (All India Radio &Doordarshan) in pursuance of Department of Personnel & Training
O.M. No. 49019/1/2006-Estt(C) dated 11.12.2006 as per parameters laid down by the Hon'ble Supreme Court in
CA 3595-3612 of 1999 in Secretary, State of Karnataka andOrs.vs Uma Devi and Ors as interpreted in its subsequent judgments in SLP (C) 15774 of 2006 in State of Karnataka and Ors.vs M.L. Kesari and Ors.; CA 486 of 2011[arising out of SLP(C) 1927 of 2005] in State of Rajasthan & Ors. vs DayaLal&Ors.; Secretary to Government, CA 2726-2729 of 2014 in School Education Department, Chennai vsThiru R. Govindaswamy&Ors. and CA 3770 of 2017 [arising out of SLP(C) 17702 of 2014 in Secretary to Govt. Commercial Taxes and Registration Department, Secretariat and Anr. vs Singamuthu. Above scheme was formulated and was to be implemented within a fixed period with definite time lines for various activities prescribed for consideration of claims for regularisation of irregular appointees/engagees by inviting applications physically through post. But because of non-clarity and inconvenience experienced by claimants due to certain instructions issued in this regard subsequently, which have since been withdrawn/rescinded, it was decided to make the entire process of receipt of applications all over India online. Hence an IT Portal has been developed so that all applications are received online in a transparent manner. Before submitting their applications, the applicants are also advised to refer to the
Department of Personnel & Training O.M. No. 49014/7/2020-Estt(C) dated 07.10.2020explaining the Supreme Court judgment in CA 3595-3612 of 1999 in Secretary, State of Karnataka and Ors.vs Uma Devi and Ors."
प्रसार भारती सचिवालय ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के
का.ज्ञा.सं.49019/1/2006-स्थापना (सी) दिनांक 11.12.2006 के अनुसरण में अनियमित नियुक्ति / व्यस्ततओं (आकाशवाणी और दूरदर्शन) की नियमित नियुक्ति के लिए एक
योजना 22 अगस्त, 2019को संलग्न करते हुए
परिपत्र संख्या 03/04/2019-एलसी दिनांक 05.09.2019 को परिचालित की थी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
1999 के सीए 3595-3612 में निर्धारित किए गए मापदंडों के अनुसार, सचिव, कर्नाटक राज्य और अन्य बनाम उमा देवी और अन्य कर्नाटक राज्य के 2006 के एसएलपी (सी) 15774 में अपने बाद के निर्णयों में व्याख्या की गई है और अन्य बनाम एमएल केसरी और अन्य 2011 के सीए 486 [2005 का एसएलपी (सी) 1927 में उत्पन्न] राजस्थान राज्य के और अन्य बनाम दयालाल और अन्य; सरकार के सचिव, 2014 का सीए 2726-2729 स्कूल शिक्षा विभाग, चेन्न्ई बनाम थिरू आर गोविंदस्वामी और अन्य और 2017 का सीए 3770 [2014 का एसएलपी (सी) 17702 में उत्पन्न] सरकार के सचिव वाणिज्यिक कर एवं पंजीकरण विभाग, सचिवालय और अन्य बनाम सिंगामुथू। उपर्युक्त योजना तैयार की गई थी और इसे डाक के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से आवेदन आमंत्रित करके अनियमित नियुक्तियों / व्यस्ततओं लोगों को नियमित करने के दावों पर विचार करने के लिए निर्धारित विभिन्न गतिविधियों के लिए निर्धारित समय सीमा में एक निश्चित अवधि के भीतर कार्यान्वित किया जाना था। परंतु बाद में इस संबंध में जारी किए गए कुछ निर्देशों के कारण दावेदारों द्वारा स्पष्टता और असुविधा होने के कारण, जिन्हें अब वापस ले लिया गया है / रद्द कर दिया गया है, और संपूर्ण भारत में आवेदन प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया था। इसलिए एक आईटी पोर्टल विकसित किया गया है, ताकि सभी आवेदन पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकें। अपने आवेदन जमा करने से पहले, आवेदकों को
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के का.ज्ञा.सं.49014/7/2020-स्थापना (सी) दिनांक 07.10.2020 सुप्रीम कोर्ट के फैसले में 1999 का सीए 3595-3612 में सचिव, कर्नाटक राज्य और अन्य बनाम उमा देवी और अन्य का संदर्भ लेने की भी सलाह दी जाती है।